भारत में जीनोम सिक्वेंसिंग को मॉनिटर करने वाली संस्था INSACOG के वीकली बुलेटिन में इसकी पुष्टि हुई है. इस बुलेटिन में दावा किया गया है कि भारत में कोरोना का XE वैरिएंट आ चुका है. XE ओमिक्रॉन के सब-लीनेज वैरिएंट से लगभग 10 प्रतिशत ज्यादा संक्रामक है.
XE वैरिएंट के लक्षण
WHO का कहना है कि XE के म्यूटेशन को ओमिक्रॉन वैरिएंट का हिस्सा मानकर ही ट्रैक किया जा रहा है. एक नया सब वैरिएंट होने की वजह से स्थिति बदल सकती है. लेकिन फिलहाल ऐसा नहीं माना जा रहा कि XE में कोई नया लक्षण देखा जाएगा. इसमें बुखार, गले में खराश, खांसी, जुकाम, नाक बहना, बदन दर्द, त्वचा में जलन या डिसकलरेशन और गैस्ट्रोइंटसटाइनल से जुड़ी समस्या जैसे कि पेट दर्द या डायरिया जैसे लक्षण हो सकते हैं.
री-इंफेक्शन का खतरा
ओमिक्रॉन के XE वैरिएंट के म्यूटेशन में बदलाव हुआ है. यही कारण है कि इम्यूनिटी से बच निकलने में इसकी क्षमता और संक्रामकता पहले से ज्यादा बढ़ी है. इसलिए कोविड-19 की चपेट में आए लोगों में यह री-इंफेक्शन का खतरा भी बढ़ा सकता है.
XE से चौथी लहर आने का खतरा
डॉ। नमन ने बताया 21 जनवरी को जब कोरोना पीक पर था तब लगभग साढ़े तीन लाख मामले दर्ज किए गए थे. XE BA.1 और BA.2 का री-कॉम्बिनेंट है और यह 10 प्रतिशत ज्यादा संक्रामक है, इसलिए अगर XE वैरिएंट से नई लहर आती है तो मामले ज्यादा तेजी से बढ़ सकते हैं.
लॉन्ग कोविड के लक्षण
वैसे तो लॉन्ग कोविड के लक्षण लोगों में अलग-अलग हो सकते हैं। लेकिन पोस्ट कोविड के सबसे आम लक्षणों में सांस फूलना, खांसी-थकान, जोड़ों में दर्द, नींद की समस्या, ब्रेन फॉग और मांसपेशियों में दर्द रहना शामिल है। यूके के ऑफिस ऑफ नेशनल स्टेटिस्टिक्स के मुताबिक, लॉन्ग कोविड के रोगियों में 58 प्रतिशत को थकान, 42 फीसदी रोगियों को सांस फूलने, 32 फीसदी को मांसपेशियों में दर्द और 31 प्रतिशत रोगियों को ध्यान लगाने में परेशानी होने के लक्षण पाए गए हैं।
कोरोना में होम्योपैथिक उपचार
वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक डॉक्टर नमन निगम कहते हैं कि हमेशा मुश्किल समय में होम्योपैथी ने लोगों की मदद की है। कोरोना के मामले में भी यह उपचार पद्धति प्रभावी परिणाम दे रही है। कोविड होने से पहले, कोविड के दौरान और कोविड होने के बाद भी होम्योपैथी आपको बेहतर परिणाम दे सकती है। बहुत सारे गंभीर रोगियों को होम्योपैथिक उपचार से लाभ भी मिला है। हालांकि इस समय सोशल मीडिया में कई सारी होम्योपैथिक दवाओं के बारे में चर्चा हो रही है, उनपर भरोसा न करें। किसी भी दवा को लेने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर ले लें।
डॉ नमन निगम ने विभिन्न राज्यों जैसे पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली के सबसे प्रसिद्ध होम्योपैथी चिकित्सकों जैसे डॉ याशिका अरोरा,डॉ यामिनी,डॉ एस.पी राजावत,डॉ नेहा,डॉ रिद्धिमा गांधी,डॉ अर्चना,आदि टीम के साथ ऑनलाइन परामर्श की अनुमति देकर होम्योपैथिक चिकित्सक के रूप में हमारे कर्तव्य को और अधिक उत्साह के साथ पूरा करने के लिए कदम आगे बढ़ाया।मध्य प्रदेश केरल, जम्मू और कश्मीर, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, बिहार, हरियाणा, अरुणाचल प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश होम्योपैथी में इम्युनिटी बढ़ाने की कोई एक दवा नहीं है बल्कि कई सारी दवायें हैं जिनका उपयोग डॉक्टर रोगी के लक्षण, शरीर की आदतें, उस शरीर की तासीर और फैमिली हिस्ट्री आदि जानने के बाद ही देता है। इसके बाद ही दवा अधिक कारगर होती हैं। होम्योपैथी दवा शरीर में मेटाबॉलिज्म को संतुलित कर प्रतिरोधक शक्ति को मजबूत करती है जिससे शरीर रोगों से आसानी से लड़ सके। इसके साथ ही इम्युनिटी बढ़ाने के लिए अच्छी दिनचर्या भी बहुत जरूरी है।