कोरोना काल मे अनवरत सेवा देती रही, इम्पावर फाउंडेशन

देश को आजादी दिलाने में अनगिनत स्वतंत्रता सेनानियों ने अपने अपने हिसाब से यथा सामर्थ स्वतंत्रता संग्राम में आहुतियां दी और गुमनामियों में खो गए। 1857 से 1947 तक असंख्य भारत माँ के बेटे व बेटियो ने अंतिम सांस तक देश को ब्रिटिश हुकूमत से आजादी दिलाने के लिए संघर्ष किया और वीरगति को प्राप्त हुए। इन सारे स्वतंत्रता सेनानियों के बल पर देश को आजादी मिल पाई। आजादी के बाद हमे राजनैतिक आजादी तो मिल गई किन्तु जिस आजादी का सपना स्वतंत्रता सेनानियों ने संजोया था वह आज भी दुर्लभ है।आज स्वतंत्र भारत के सभी हिस्सों में कई सारे सामाजिक कार्यकर्ता आजादी के समय से ही स्वाधीनता संग्राम सेनानियों के अनुरूप स्वतंत्र भारत, खुशहाल भारत, सामर्थ भारत बनाने के प्रयास में अपना अभिन्न योगदान देने में लगे हुए है और इस हेतु जमीनी स्तर पर लगातार कार्यरत है।
इस कड़ी में वाराणसी में युवा एवं वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता राहुल मिश्र वर्षो से महिला सशक्तिकरण, अन्न वितरण अभियान, आजीविका, कौशल, वस्त्र वितरण, कोविद काल मे जरूरत मंदो के लिए हर आवश्यक सहायता मुहैया कराना हो या आपदा राहत प्रबंधन के तहत बाढ़ पीड़ितों की सेवा, पर्यावरण संरक्षण, महिलाओ में सैनेट्री पैड को लेकर जागरूकता का कार्य हो या कोरोना के लिए वैक्सीन के लिये जागरूक अभियान चलाना हो या दिव्यांगजन, सशक्तिकरण, शिक्षा, स्वास्थ्य, जैविक खेती,समावेशी विकाश,वरिष्ठ नागरिक की सेवा, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जन जाति, अल्प संख्यक, अति पिछड़ा वर्ग सशक्तिकरण कार्यक्रम जल संरक्षण, प्रदूषण पर रोक आदि अनेक समाज के सशक्तिकरण जुड़े हुए मुद्दों पर इन्होंने इम्पावर फाउंडेशन संस्था बनाकर जमीनी स्तर पर कई सारे अभियान चलाए है जिनके सकारात्मक परिणाम मिले है। प्रधानमंत्री द्वारा इम्पावर फाउंडेशन को कोरोना काल मे की गई सेवाओं के लिए प्रसस्ति पत्र भी प्रदान किया गया।
श्रीमान राहुल मिश्र टीम इम्पावर फाउंडेशन को लेकर समाज के वंचित, गरीब, हासिये पर पड़े तबको को समाज के मुख्य धारा में लाने हेतु अनवरत प्रयास किया जा रहा। उनका लक्ष्य ही एक ऐसे भारत का निर्माण करना जहा भेदभाव न हो। आगे बढने के सभी को अवसर प्राप्त हो। अपने सीमित संसाधनों के बल पर राहुल मिश्र के नेतृत्व में इम्पावर फाउंडेशन प्रयासरत है।

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