बेटियो को दे बराबर का अधिकार, उन्हें न समझे बोझ….बेटियां फाउंडेशन

मेरठ| समाज मे बेटियो की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए यह दिन मनाया जाता है ताकि समाज मे लोगो के बीच उनका जीवन बेहतर बन सके। आज बेटियां फाउंडेशन ने गढ़ रोड स्थित अम्बेडकर स्कूल में अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस 2020 पर बेटियों ने समाज मे हो रहे अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई और कुछ विचार साझा किए।आज का दिन बेटियो के साथ जश्न मनाकर यह जताने का है कि हम बेटियां आबादी का आधा हिस्सा है।बेटियां परिवार को एक साथ बांधती हैं, कई भूमिकाएं निभाती हैं, परिवार की प्रतिष्ठा बनाती है, आदर्श सरंक्षक के रूप में कार्य करती हैं फिर क्यों उनके साथ कभी भी यौन शोषण हो या घरेलू हिंसा हो या बाल विवाह, जबरन थोप दिया जाता है।

आज बेटियो ने शपथ ली कि अपने आसपास हो रहे अन्याय के खिलाफ आवाज उठाएंगे क्योंकि महिलाओं के प्रति अत्याचार असमानताओं जैसे भ्रूण हत्या, दहेज प्रथा बाल विवाह अशिक्षा को देखते हुए, इन समस्याओं से उबारने के लिये व उनके संरक्षण के उद्देश्य से ही हर साल अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाता है।बेटियो को बोझ न समझे बल्कि बराबर का अधिकार दे इस अवसर पर कोमल,प्रियंका, रानी,तप्पू, छाया,आदि ने अपनी जुबानी बेटियों की कहानी साझा की संस्था ने बेटियो के सामने आने वाली चुनोतियों से सावधानी के उपाय बताए।

अमिता अरोड़ा ने बताया कि हम भाइयो से भी अपनी बातें शेयर करे ताकि लड़को के विचार, उनकी मानसिकता का हमें पता लग सके।हर चुनोतियों का डरकर नही डटकर सामना करना है पर हमें उसके लिए संस्कारों को नही भूलना चाहिए जो हमारी खुशहाल जीवन की नींव है।बेटियो की शारिरिक मानसिक स्वस्थता पर भी विचार व्यक्त किये गए।मीनू बाना ने कहा कि आबादी का आधा हिस्सा बेटियां हैं जिनकी सुरक्षा देश की सुरक्षा है सभी बेटियो ने अपने हुनर से स्वालम्बी बनने की बात की सचिव शिवकुमारी गुप्ता व अर्चना ने भ्रूण हत्या व शारीरिक हिंसा का विरोध करने की बात की । कोमल, प्राची, रानी, कनक, संध्या, संगीता, राखी आदि ने अपने विचार रखे अंत मे सभी को जरूरत का सामान देकर अपने अभियान को जारी रखने को कहा गया

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