मैं लड़की हूं न- खुलकर बोली बेटियाँ – अंजू पाण्डेय

अंतर्राष्टीय बालिका दिवस मनाते हुए छात्राओं ने मैं लड़की हूँ, टॉपिक पर सभी ने अपने मन की बात शेयर की कि चाहे हम कितना भी अच्छा बन जाए शाबाशी भाई को ही मिलती हैl अभी भी घर व समाज मे पुरुषत्व हावी है सारी बंदिशें, रूढ़ियां बेटियों के लिए ही क्यूँ lछात्रायें अपने सामने आने वाली चुनातियों पर खुलकर बोली, कि हर कदम पर बेटियो के साथ ही ज्यादती क्यों, क्यू नही उन्हें समान अधिकार मिलता, क्यू चुनौती भरा जीवन उन्हें जीना पड़ता है जबकि वे हर कदम पर पुरुष के साथ बराबर चल रही है फिर क्यू नही उन्हें समान अधिकार मिल रहे। आज डॉ अम्बेडकर इंटर कॉलेज में बेटियां फाउंडेशन मेरठ ने छात्राओं के साथ संवाद किया उषा अरोरा ने कहा कि हम छात्र छात्रायें समान रूप से शिक्षा ले रहे हैं, ऑफिस में महिला पुरुष की बॉस भी बन रही है फिर घर व समाज बेटी की तुलना बेटे से क्यू करता है। अर्चना,क्षमा चौहान,विनीता व सचिव शिवकुमारी गुप्ता ने अपने विचार बेटियो को सम्मान, शिक्षा, जन्म, रोजगार को लेकर चर्चा की। संस्था अध्यक्ष अंजू पाण्डेय ने छात्राओ के जीवन में आने वाली चुनौतियों व कठिनाइयों की पहचान कराई कि यदि जीवन मे किसी परेशानियों का सामना होता है तो किस तरह उन समस्याओं का समाधान करे।


इस अवसर पर कॉलेज प्रधानाचार्य जी ने संस्था का आभार व्यक्त किया स्कूल टीचर्स ने प्रशंसा में कहा कि संस्था द्वारा इस तरह के आयोजन से बेटियां अपने जीवन के उतार चढ़ाव को सही ढंग से समझ सकेंगी। बेटियां फाउंडेशन ने सभी क्लास की सर्वश्रेष्ठ छात्रा आयोजिका, ज्योति, वॉशिंका, अंजलि यादव, प्राची, अनामिका, जाह्नवी, चेतन, सना को सर्टिफिकेट व मेडल द्वारा सम्मानित किया. कहा कि शिक्षा व हुनर हमारा स्वाभिमान है हर मुसीबत से बचाता है अपने समय को पढाई में लगाये तो ही हमारा भविष्य उज्ज्वल होगा 51 छात्राओं ने बालिका दिवस स्लोगन में भाग लिया और सभी को बेटियाँ फाउंडेशन द्वारा मेडल पहनाकर सम्मानित किया

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