तुमको हर पल नमन मेरा, ए फौज़ी

कवयित्री - एकता सहगल

बेटे, भाई, पति, पापा के नाम से कम पहचाने जाते हो,
क्यूंकि तुम तो मां भारती के सपूत कहलाए जाते हो।
बचपन से ही इक अलग जज्बा ले कर चलते हो तुम,
तोता मैना की नहीं, बलिदान की कहानियां सुनते हो तुम।
है दिल में तुम्हारे जोश, कुछ कर गुजरने का हौसला,
यूं ही कैसे कर लेते हो मर मिटने का फैसला ?
आग , तूफान, भूकंप, सुनामी
किसी के आगे हार ना मानी।
देश पे कोई आपदा हो,तुम होते हो मौजूद,
तुम्हारी कुर्बानियों पर टिका है मेरे देश का वजूद।
सरहद पे धूल मिट्टी, बर्फ, चट्टानों में खुद को मिटा देते हो,
How is the josh ? High sir … कहके हर मुश्किल पार कर जाते हो।
तुम्हारी ललकार सुन कर दुश्मन हो जाए भयभीत ,
किन्तु आंखों में आंसू भर लाते जब हो जाए अपना दोस्त शहीद ।
तुम हो एक फौज़ी जिसकी आन ,बान और शान है तिरंगा ,
कितनी ही बार दुश्मन के खून से तुमने अपना माथा रंगा।
कट जाए अपना सर ,पर झुकने ना दोगे ये तिरंगा।
मर जाएंगे पर दुश्मन को घुसने ना देंगे ,
लौटेंगे जीत की खुशी ले कर , वरना वहीं मिट जाएंगे ।
तुमसे है ए फौज़ी ये देश चमन मेरा ,
तुमको हर पल नमन मेरा ,
तुमको हर पल नमन मेरा ।

एकता सहगल

तुमको हर पल नमन मेरा, ए फौज़ी – कवयित्री – एकता सहगल – YouTube

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *