आगमन का वार्षिक कैलेंडर  “काशी प्रकाशिनी'” का हुआ लोकार्पण 

  काशी की धर्म संस्कृति और कला के क्षेत्र में विशेष योगदान देने वाली अग्रणी महिलाओं को है समर्पित 

वाराणसी । दो दशक से भ्रूण हत्या के खिलाफ अभियान चला रही सामाजिक संस्था आगमन द्वारा  के पूर्व दिवस पर काशी की धर्म संस्कृति और कला के क्षेत्र में विशेष योगदान देने वाली अग्रणी महिलाओं को सूचीबद्ध करते हुए कैलेण्डर की आकृति प्रदान की गयी है। इस हिंदी कैलेंडर “काशी प्रकाशिनी'” का लोकार्पण मलिन बस्ती की बुजुर्ग महिला शामा देवी से करा कर समभाव का सन्देश देते हुए समाज को  उन अग्रणी महिलाओं की गौरव गाथा को याद कराने का प्रयास किया गया है ।

12 पन्ने के कैलेंडर (चैत्र से फाल्गुन ) में उभय भारती के माध्यम से काशी की पांडित्य परम्परा का तो त्याग,तपस्या,शौर्य,कला,सेवा और बलिदान के क्षेत्र की रानी भवानी,अहिल्याबाई होल्कर ,रानी लक्ष्मी बाई ,डॉ एनी बेसेंट,जानकी देवी,माता आनन्दमयी, विद्या देवी,सिद्धेश्वरी देवी और रसूलन बाई सहित स्वतंत्रता सेनानी श्रीमती सज्जन देवी महलौत को शामिल किया गया है ।

यह कैलेंडर सिर्फ तिथि व दिवस देखने के लिए नही है बल्कि इसमें काशी से वाराणसी तक की विरासत समाहित है । काशी से वाराणसी बनाने में जिन आदरणीय महिलाओं ने योगदान दिया है उन्ही के कर्म दायित्वों को कैलेंडर के पृष्ठ पर लाया गया है । ये बातें शनिवार को मलिन बस्ती में आयोजित लोकार्पण कार्यक्रम में आये अतिथियों ने कहीं। कैलेंडर में त्याग,तपस्या,शौर्य,बलिदान,कला,विद्वता,प्रेम को एक फलक पर प्रस्तुत किया गया है जिससे समाज में महिलाओं के प्रति नई ऊर्जा का संचार हो। संस्था के संस्थापक सचिव डॉ संतोष ओझा ने बताया की कैलेंडर के माध्यम से समाज को ये संदेश देना है कि नारी सदैव अग्रणी रही है सिर्फ उनके ऊर्जा को संचारित करने की आवश्यकता है। कार्यक्रम में अथिति के रूप में डॉ सुभाष पांडेय , डॉ विनय पांडेय ,डॉ रितु गर्ग,डॉ अजय तिवारी,अंजलि अग्रवाल,भक्ति किरण तो वहीं संस्था की ओर से संस्थापक सचिव डॉ संतोष ओझा ,महिला विंग की अध्यक्ष रचना श्रीवास्तव,वी पी सिंह,अखिलेश खेमका,दिनेश गुप्ता ,अभिषेक जायसवाल,संजय गुप्ता,सुमित चौहान आदि लोग शामिल रहे।

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