रणविजय सिंह अध्यक्ष आयोजन समिति ने अपने अपने संबोधन में कहा कि अब क्षत्रिय समाज एक मंच पर आकर देश की उन्नति में अपना सहयोग दें। देश से आए हुए 200 पंजीकृत क्षत्रियों के संगठन के प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए राहुल सिंह ने कहा कि क्षत्रिय धर्म ही राजधर्म है अतः क्षत्रियांे का यह नैतिक दायित्व है कि समाज में समरसता लाने के लिए आज क्षत्रिय समाज एकजुट होकर देश को एक नई पहचान देने में अपनी भूमिका निभाए। चेतनारायण सिंह सदस्य विधान परिषद ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में क्षत्रिय समाज के शिक्षकों की ये भूमिका है कि वह समाज को शिक्षित करें । गंगे हंस जी संत शिरोमणि कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए देश के सभी क्षत्रियों को एकजुट होकर देश की एकता और अखंडता बनाए रखने के लिए वचनबद्ध किया साथ ही साथ क्षत्रिय समाज को आने वाले अनेक समस्याओं के बारे में अवगत कराते हुए कहा कि आज निश्चित रूप में हम लोगों को एकजुट होकर इन समस्याओं से निदान पाने की जरूरत है। कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक सभी क्षत्रियों को क्षत्रिय धर्म संसद की आवाज बनने की शपथ डाॅ रमेश कुमार सिंह ने दिलायी । इसके अलावा श्री मैनपाल सिंह राघव, श्री आनन्द मोहन सिंह, सुखदेव सिंह वंशी अध्यक्ष करणी सेना ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम का आए हुए अतिथियों का स्वागत प्रो गुरु प्रसाद सिंह उपाध्यक्ष समिति ने किया तथा संचालन डॉ राम सुधार सिंह ने किया धन्यवाद ज्ञापन रणवीर सिंह अध्यक्ष आयोजन समिति क्षत्रिय धर्म संसद काशी ने किया। डा0 जयेन्द्र सिंह जडेजा अध्यक्ष क्षत्रिय धर्म संसद का वरिष्ठ पत्रकार डॉ अरविंद सिंह, अजय सिंह (बाबी), इन्द्रजीत सिंह तथा संगठन के लोगों ने स्मृति चिन्ह देकर स्वागत किया। अधिवक्ता अहमदाबाद राजेंद्र सिंह, डॉ संजय सिंह गौतम इस मौके पर प्रोफेसर अमरेंद्र प्रताप सिंह अमरकंटक सेंट्रल यूनिवर्सिटी, प्रोफेसर आरपी सिंह महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ डॉक्टर अविनाश कुमार सिंह डॉ रवि प्रसाद सिंह, डॉ राम कीर्ति सिंह ठाकुर, प्रोफेसर पीके सिंह, ठाकुर कुश सिंह, राजेन्द्र प्रताप सिंह, राजबहादुर सिंह मौजूद रहे । सभी क्षत्रिय प्रतिनिधियों को यथार्थ गीता वितरित किया गया। कार्यक्रम में आये क्षत्रिय समाज के लोगों ने काशी विश्वनाथ धाम में जाकर मत्था टेका इसके बाद सभी लोग दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती में शामिल हुए।