*शार्ट फिल्म्स के सब्जेक्ट*
सभी शार्ट फ़िल्म्स सामाजिक विषयों पर आधारित हैं। विषयों में शौचालय, जनरेशन गैप, बालिका शिक्षा, आपसी सौहार्द आदि को रखा गया है। इन फ़िल्म्स की शूटिंग के लिए आसपास के नदी, जंगल, पहाड़, गाँव व प्राकृतिक लोकेशन्स को फिल्मांकन के लिए चुना गया है।
फ़िल्म निर्माण के लिए कलाकारों तथा टेक्निकल टीम का दल मुम्बई, दिल्ली, कोलकाता, बिहार, कश्मीर से आया है। इन फिल्मों के डायरेक्टर सौरभ आद्या पाण्डेय हैं। सौरभ पाण्डेय मूलतः ग्राम कुल्हुइया चितरंगी के ही निवासी हैं। वे विगत 7 वर्ष से मायानगरी मुम्बई में रहकर फ़िल्म जगत में डायरेक्शन डिपार्टमेंट में काम कर रहे हैं। पूर्व में मुम्बई, कोलकाता, दिल्ली में कई फ़िल्मों का निर्देशन कर चुके सौरभ पाण्डेय ने इस बार अपने क्षेत्र को प्रोफेशनल फ़िल्म की शूटिंग के लिए चुना है।
*फिल्म निर्माता का कहना*
सौरभ का कहना है कि हमारे क्षेत्र में फ़िल्म शूटिंग के लिए ख़ूबसूरत लोकेशंस से लेकर अच्छे कलाकार तथा अभिनेता सब कुछ उपलब्ध हैं। क्षेत्र की इन अच्छी लोकेशंस को फ़िल्मों के माध्यम से देशभर के लोगों से परिचित कराया जा सकता है। मेरा प्रयास है कि सिंगरौली जिले के के ये लोकेशंस आने वाले समय में अच्छे टूरिस्ट डेस्टिनेशन के रूप में विकसित हों।
*स्थानीय लोगों को भी इन फिल्मों में मिल रहा है रोल*
मुम्बई के कलाकारों के साथ स्थानीय कलाकारों को भी इन फिल्मों में काम करने का मौका मिल रहा है जिससे वे फ़िल्म मेकिंग की विभिन्न बारीकियों से भी परिचित हो रहे हैं। स्थानीय लोगों की सहभागिता एवं सहयोग से जहाँ इन फिल्मों का निर्माण सफलता से हो रहा है वहीं गाँव में हो रही इस गतिविधि से ग्रामवासी अत्यधिक खुश दिख रहे हैं। कुल्हुइया ग्राम में चल रही इन फ़िल्मों की शूटिंग देखने के लिए दूर दूर से लोग आ रहे हैं।