‘सत्या फाउण्डेशन’ द्वारा ध्वनि प्रदूषण जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया

ध्वनि प्रदूषण के खिलाफ पिछले 11 वर्षों से अभियान चलाने संस्था ‘सत्या उण्डेशन’ द्वारा आज मंगलवार 17 दिसंबर, 2019 की सुबह भारतीय शिक्षा मंदिर इण्टर कालेज, इंग्लिशिया लाईन, वाराणसी और दोपहर 2 बजे कमलापति त्रिपाठी गर्ल्स इण्टर कालेज, कैण्ट, वाराणसी में ध्वनि प्रदूषण जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

इन दोनों कार्यक्रमों में ‘सत्या फाउण्डेशन’ के सचिव चेतन उपाध्याय के नेतृत्व में सभी विद्यार्थियों ने शपथपूर्वक प्रतिज्ञा ली कि किसी भी वैवाहिक या धार्मिक कार्यक्रम में डी.जे. और पटाखों का बिल्कुल प्रयोग नहीं करेंगे।  रात 10 बजे से सुबह 6 बजे के बीच धार्मिक या वैवाहिक  लाउडस्पीकर, बैण्ड-बाजा, हॉर्न, पॉवरलूम आदि का बिल्कुल प्रयोग नहीं करेंगे और दिन के दौरान भी ध्वनि के स्तर को 75 डेसीबल से कम रखेंगे। जो नहीं मानेगा] उसकी गुप्त रूप से शिकायत पुलिस के 112 नंबर या अपने क्षेत्राधिकारी (सी.ओ.) या सत्या फाउण्डेशन के हेल्पलाईन नंबर 9212735622 पर करेंगे। विद्यार्थियों ने यह भी शपथ ली कि किसी भी प्रकार के वाहन में लगे प्रेशर हॉर्न / मल्टीटोन हॉर्न के अलावा बिना साइलेंसर वाली कानफाडू मोटरसाईकिल का नंबर और स्थान/दिनांक/ समय नोट करके वाराणसी ट्रैफिक पुलिस को 7317202020 पर वाट्सअप करके चालान कटवाएँगे।   इसके पहले भारतीय शिक्षा मंदिर इण्टर कालेज में विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए गैलेक्सी हॉस्पिटल, वाराणसी के प्रसिद्द ह्रदय रोग विशेषज्ञ डॉ. अजय कुमार पाण्डेय ने बताया कि बेवजह हॉर्न और तेज लाउडस्पीकर पर रोक लगाने के लिए पुलिस और कानून से पहले हमें अपना मानवता बोध जगाना होगा।  मानवता कहती है कि दूसरों के साथ वह व्यवहार मत करो जो तुम्हें अपने लिए पसंद नहीं। तेज शोर के कारण ह्रदय रोग, माइग्रेन, वहम, बेचैनी, घबराहट, तनाव, अनिद्रा और बहरापन जैसी तमाम बीमारियाँ लगातार बढ़ रही हैं और सुधार की शुरुआत खुद से करनी होगी।  प्रधानाचार्य श्री चारू चंद्र त्रिपाठी ने धन्यवाद ज्ञापन किया।

इसके बाद मंगलवार की ही दोपहर कमलापति त्रिपाठी गर्ल्स इण्टर कालेज, कैण्ट, वाराणसी में आयोजित कार्यक्रम में छात्राओं को सम्बोधित करते हुए प्रसिद्ध नेत्र सर्जन और वाराणसी आई बैंक सोसायटी के सचिव डा. सुनील कुमार साह ने कहा कि मोबाइल भी ध्वनि प्रदूषण का बहुत बड़ा कारक है और विद्यार्थियों को मोबाइल के बहुत अधिक प्रयोग से बचते हुए केवल अध्ययन और अनुसंधान के लिए मोबाइल का इस्तेमाल करना चाहिए।  डॉ, सुनील कुमार साह ने आगे कहा कि सभी को मिलकर पटाखों और डीजे का पूर्ण बहिष्कार करना चाहिए।  साथ ही गाड़ियों में हॉर्न के बहुत अधिक उपयोग पर लगाम के लिए भी सभी को जागरूक होना पड़ेगा। प्रधानाचार्या श्रीमती कमलेश कुमारी ने धन्यवाद ज्ञापन किया।

 

Exit mobile version