
वक्त ही तो है जो अच्छा बुरा समय हमारे सामने लाता है जिससे हम अनजान होते हैं। अब देखिए, अच्छा भला जीवन सब व्यतीत कर रहे थे, चाहे वे अमीर थे या गरीब। मगर अब वक्त ने दुनिया को दिखा दिया कि मुझसे बड़ा ताकतवर कोई नही। इंसान गरूर करता है दौलत पर, पर आज बुरे वक्त में वह भी किसी के काम नही आई।
आज कोविड19 सारी दुनिया में महामारी के रूप में फैल गया जिसके आगे हर व्यक्ति की जिंदगी दांव पर लग रही है कि वह रहेगी या नही। संयम व धैर्य से हम उस बुरे वक्त से जीवन को बचा सकते हैं। हर बुरा वक्त कभी ठहरता नही तो इस समय हमें खुद को बचाना है यदि सक्षम है तो दूसरों को भी बचाये। उसके लिये ज्यादा कुछ नही, केवल घर मे रहे, हाथों को बार बार धोये, लोगो से दूरी बनाकर रखें तो हम सब सुरक्षित होंगें।यदि हम जीवित है तो निश्चय ही अपने रोजगार को आगे बना सकते हैं अपने परिवार को पाल सकते हैं।
हमे परिवार में बोलना व प्रतिक्रिया करना बेहद जरूरी है लेकिन संयम व सभ्यता को नही भूलना है। मनुष्य की महानता उसी में है जो बुरी स्थिति में घबराये नही और अच्छी स्थिति में इतराये नही।
असंयम से मानसिक संतुलन बिगड़ जाता है मर्यादायें भंग हो जाती हैं, महत्वकाँशये प्रबल हो जाती हैं जिसके कारण मन मे तनाव, अवसाद, कुप्रवृत्ति जन्म लेने लगती है और नकारात्मकता घेर लेती है।
जीवन मे संघर्ष का दौर आता है वह कभी लंबा होता है कभी छोटा।लेकिन संघर्ष के बाद सफलता जरूर मिलती है इसलिए वर्तमान स्थिति को देखते हुए हमें इस परिवेश में खुद को ढालना चाहिए और हर पल को मुस्कराहटों के साथ जीना चाहिए क्योंकि संयम है तो जीत हमारी है तभी मुस्करायेगा इंडिया। संयम ही हमारी सहनशीलता की परीक्षा लेता है कि कितना वर्तमान से जूझ सकते हैं क्योंकि सारे गुणों की डोर संयम से ही तो बंधी हैं।
अंजू पाण्डेय-अध्यक्ष- बेटियां फाउंडेशन
https://www.betiyanfoundation.org