गांव की बेटी- लवी सिंह

भोली भाली कुछ चंचल सी निश्छल प्रेम लुटाती है, ठान ले एक बार जो मन में, वो कर के दिखलाती है, जी हां ये गांव की बेटी कहलाती है।। लीपती है चूल्हा भी वो, गाय, बकरी, भैंस भी चराती है, घर के आंगन में सदैव खुशियों की रंगोली सजाती है, जी हां ये गांव की … Continue reading गांव की बेटी- लवी सिंह