भगवान श्री राम के लिए रो पड़े सांसद रवि किशन

गोरखपुर| गोरखपुर के सांसद रवि किशन आज उस वक्त भावुक हो गए, जब मीडिया ने उनसे राम मंदिर की स्थापना की बात की। उन्होंने कहा कि आदरणीय मोहन भागवत जी, यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी, उत्तर प्रदेश के पूज्य मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी और महन्थ नृत्यगोपाल जी महाराज व उनके कार्यसेवकों को नमन करता हूं। उनके अथक प्रयास से आज हम फिर हिंदुत्व को एक उचित स्थान दिलाने में कामयाब हुए हैं।

सांसद रवि किशन ने इस पावन समय में अपने स्वर्गीय पिताजी को याद करके भावुक हो गए और कहा कि अगर आज मेरे पिताजी जिंदा होते तो उनको उनके लिए आज का दिन सबसे बड़ा होता, लेकिन आज वह नहीं है। फिर भी जहां भी होंगे, उनको संतुष्टि पहुंची होगी। रवि किशन ने कहा कि गोरखनाथ मंदिर का अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि से बहुत पुराना नाता रहा है। गोरखनाथ मंदिर के महंत दिग्विजय नाथ उसके बाद महंत अवैद्यनाथ और आज उत्तर प्रदेश के पूज्य मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मंदिर निर्माण में अहम भूमिका निभाई है। इसके लिए उन्हें जितना साधुवाद दिया जाए कम है।

ACTOR RAVI KISHAN
ACTOR RAVI KISHAN

सांसद ने कहा कि आज हमारे लिए दीपावली का समय है, उन्होंने गोरखपुर वासियों से भी अनुरोध किया है कि अपने घर पर दीया जलाएं, क्योंकि यह पावन समय का इंतजार 500 वर्षों से था। आज 500 वर्षों के बाद हमें यह पावन समय देखने को मिल रहा है। यशस्वी प्रधानमंत्री द्वारा भूमि पूजन उसके बाद शिलान्यास एक अविस्मरणीय समय की याद दिलाता है और दिलाता रहेगा। सांसद रवि किशन राम को याद करके पूरी तरह से भाव विभोर हो गए। उन्होंने कहा कि राम कण कण में है। आज राम मंदिर का निर्माण कहीं ना कहीं हिंदुत्व और हिंदुत्व की अस्मिता को बचा रहा है|

राम मंदिर निर्माण के उपलक्ष में गोरखपुर के सदर सांसद रवि किशन अपने आवास पर सुंदरकांड का पाठ रखा । साथ ही साथ उन्होंने खुद पाठ व भजन कीर्तन किया सांसद रवि किशन ने कहा यह मंदिर का आरंभ नहीं एक नए युग का प्रारंभ है। उनके साथ भारतीय जनता पार्टी के तमाम कार्यकर्ता भी मौजूद रहे। मुख्य रूप से क्षेत्रीय मंत्री प्रदीप शुक्ला सांसद प्रतिनिधि समरेंद्र विक्रम सिंह निजी सहायक शिवम द्विवेदी ,शिवम चंद नीतीश बलिया, श्याम दुबे, अभिलाष शाही, सोनू द्विवेदी, रणविजय सिंह जुगनू, अशोक सिंह सहित भाजपा व हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ता व पदाधिकारी गण मौजूद रहे।

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