डॉ. संजय अग्रवाल ने न्यूरोपैथी के लिए पेटेंट अप्लाई किया

जयपुर।  जाने माने फार्मा सलाहकार एवं शोधकर्ता डॉ. संजय अग्रवाल ने शोध के माध्यम से चिकित्सा क्षेत्र में कई आयाम स्थापित किए हैं। डॉ. अग्रवाल डायबिटिक न्यूरोपैथी क्षेत्र में चिकित्सकों को प्रभावी उपकरण और उपचार प्रदान करने में अग्रणी शोधकर्ता हैं।डॉ. अग्रवाल ने बताया कि मधुमेह न्यूरोपैथी मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी की बाहर की नसों को नुकसान पहुंचाता है और डायबिटिक न्यूरोपैथी का सबसे घातक परिणाम पैरों और पैरों की तंत्रिका क्षति के रूप में होता है। इसके लक्षणों में हाथों, पैरों में झुनझुनी, सनसनी और बेचैनी शामिल है, जिससे नसों को नुकसान होता है।

इसके परिणामस्वरूप हृदय, रक्त वाहिकाओं, पाचन तंत्र और जननांग से संबंधित समस्याएं भी हो सकती हैं। डॉ. अग्रवाल ने एक अनुसंधान किया है और न्यूरोपैथी के इलाज के लिए पेटेंट फाइल किया है। डॉ. संजय अग्रवाल 42 पेटेंट धारक हैं, और सफल अविष्कारक हैं। यह पेटेंट दुनियाभर में मरीजों के लिए उपलब्ध हैं। डॉ. संजय अग्रवाल ने बताया कि भारत में मधुमेह के रोगी सबसे ज्यादा है, अनुमानित 77 मिलियन वयस्क इस बीमारी से पीड़ित हैं।

वर्ष 2030 तक यह बढ़कर 101.2 मिलियन होने का अनुमान है। भारत में मधुमेह के अधिकांश मामले टाइप 2 के हैं, जो सभी मामलों का लगभग 90-95 फीसदी है।डॉ. संजय अग्रवाल ने अपनी टीम के साथ न्यूरोपैथी के लिए एक फिक्स डॉज कॉम्बीनेशन (निश्चित खुराक संयोजन) तैयार किया है। नवाचार और अनुसंधान के प्रति डॉ. अग्रवाल फार्मास्यूटिकल्स के क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिए समर्पित हैं।

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