क्या भोजपुरी फिल्म “वध” बदल पाएगी भोजपुरी सिनेमा की स्थिति ?
भारत में सिनेमा की हमेशा से एक मुख्य भूमिका रही है। चाहे वो 1920 की टाकीज़ हों, 1950 की फीचर हों या नए ज़माने के आधुनिक वृत्तांत हों – भारत में सिनेमा हमेशा से लोगों की चेतना का भाग रहा है। गौरतलब बात यह है कि जिस सिनेमा में पहले सिर्फ हिंदी का वर्चस्व हुआ करता था, आज क्षेत्रीय भाषाओँ की फिल्मों का बोलबाला है – विशेषकर दक्षिण भारत की भाषाओँ में बनी फिल्मों का।
अभी हाल ही में आयी कन्नड़ फिल्म कांतारा ने देश भर में ज़बरदस्त प्रदर्शन किया। इस फिल्म ने लगभग 350 करोड़ का कलेक्शन किया, जबकि मूल कन्नड़ भाषी आबादी करीब 5 करोड़ ही है। यही कहानी फिल्म ‘केजीएफ’ की भी रही है। इसी तरह तेलुगु फिल्मों ने भी पूरे देश में अपना डंका बजाया है, जिसमें ‘आरआरआर’ और ‘पुष्पा’ जैसी सुपरहिट फिल्में हैं। जबकि मूल तेलुगु भाषी जनसंख्या करीब ८ करोड़ है।
ऐसी स्थिति में जब नज़र भोजपुरी की ओर जाती है तो एक विचित्र दृश्य उभर कर आता है। भोजपुरी जगत में बन रही फिल्मों का प्रदर्शन राष्ट्रीय स्तर तो दूर, स्थानीय स्तर पर भी अस्तित्वहीन है। यह तब है जबकि भोजपुरी मूल भाषी जनसंख्या करीब 20 करोड़ है और हिंदी से काफी हद तक मिलती जुलती इस भाषा की समझ और भी अधिक लोगों को है। फिर भी भोजपुरी सिनेमा में राष्ट्रीय स्तर पर सफलता का अभाव है।
वास्तविकता यह है कि भोजपुरी सिनेमा को कोई बड़ा डिस्ट्रीब्यूटर छूने से भी कतराता है। ऐसा इसलिए है कि जन साधारण में यह धारणा है कि भोजपुरी फिल्मे भद्दी अश्लीलता और अभद्रता दर्शाती हैं। एक समय था जब दक्षिण की फिल्मो का भी यही हाल था। लेकिन दक्षिण के फिल्मकारों ने इस छवि को बदला और दक्षिण के दर्शकों ने भी अच्छे सिनेमा का समर्थन किया जिस से की आज इन फिल्मों का पूरे विश्व में बोलबाला है। वहीँ भोजपुरी फिल्मे ऐसा करने में अक्षम रहीं हैं जबकि भोजपुरी भाषियों की संख्या दक्षिण भाषियों से दो गुनी है।
लेकिन हो सकता है कि जल्द ही यह माहौल बदल जाए। 2 दिसंबर को पूरे देश में रिलीज़ होने वाली भोजपुरी फिल्म “वध” शायद यह मुकाम हासिल कर सके। इस फ़िल्म को बॉलीवुड के निर्माता व निर्देशक सुभाष घई की कंपनी मुक्ता आर्ट्स रिलीज़ कर रही है। इस फिल्म का विश्व प्रीमियर मॉरिशस की सरकार ने मॉरिशस में किया था। वहाँ इस फिल्म की काफी प्रशंसा हुई और इसके ट्रेलर की भारत में काफी चर्चा रही है।
बताया जा रहा है कि नारी सशक्तिकरण पर आधारित यह एक साफ – सुथरी पारिवारिक एक्शन फिल्म है ‘वध’, जिसके हीरो नेपाल व भोजपुरी के सुपरस्टार बिराज भट्ट हैं, हीरोइन रक्षा गुप्ता हैं। ग्लोबल आर्ट इंफोटेनमेंट & एस.आर. इंफोटेनमेंट प्रा.लि. के बैनर तले बनी सोम भूषण श्रीवास्तव द्वारा लिखित व निर्देशित तथा फ़िल्म निर्माता शिवम बरनवाल, सह निर्माता अभिषेक शुक्ला, हर्ष त्रिपाठी द्वारा निर्मित भोजपुरी फिल्म “वध” इतिहास रचने जा रही है। तीन सनातन देशों के सहयोग से बनी ये भोजपुरी फिल्म वध शायद भोजपुरी के लिए वो फिल्म होगी, जो भोजपुरी सिनेमा को राष्ट्रीय परदे पर ले आएगी – जैसे बाहुबली ने तेलुगु सिनेमा के लिए किया। सोशल मीडिया पर आ रहे व्यूज, लाइक और कमेन्ट से तो ऐसा ही लगता है।