फरवरी से हर पीएचसी पर लगेंगे आरोग्य मेले

हर माह रविवार को लगेेंगे आरोग्य मेले, जांच , इलाज के साथ रोकथाम पर होगा जोर प्री प्राइमरी स्कूल के रूप मेें विकसित होंगे हर ऑगनबाड़ी केंद्र मैं चाहती हूं कि उप्र नंबर एक बने : आनंदी बेन लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया कि फरवरी 2020 से हर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पीएचसी पर रविवार को आरोग्य मेले लगाएं। लगातार दो साल तक चलने वाले उक्त आयोजन में विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा विभिन्न रोगों की जांच और इलाज की सुविधा सुनिश्चित कराएं। साथ ही रोगों के रोकथाम के लिए भी लोगों को जागरूक करने पर सर्वाधिक जोर देंगे। संबंधित विभाग मिलकर इस बावत एक सरल भाषा में एक फोल्डर तैयार कर लें। गुरुवार को महत्वाकांक्षी जिलों की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने हर आंगनबाड़ी केंद्र को प्री स्कूल के रूप में विकसित करने का निर्देश दिया। यह भी कहा कि अगर कहीं जमीन समस्या की समस्या है तो संबंधित जिले के सीडीओ व्यक्तिगत रुचि लेकर इसे हल करें। इसके लिए पर्याप्त पैसा है। जरूरत हो तो जनपद खनिज फाउंडेशन और कारपोरेट रिस्पांसबिलटी से पैसा लें। इस काम में देरी सहन नहीं की जाएगी। इसमें आने वाले बच्चे तीन वर्ष की उम्र के होंगे। लिहाजा इनके बैठने और मनोरंजन की भी व्यवस्था करें। डीएम महीने में और सीडीओ 15 दिन में इसकी समीक्षा करें। बेहतर हो कि प्राइमरी स्कूलों और ऐसे केंद्रों पर सोलर पैनल लगावाएं। हर गांव मे खेल का एक मैदान बनाने और उसकी सामग्री रखने का भी मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया। स्प्रिंकलर और ड्रिप इरीगेशन पर दें जोर मुख्यमंत्री ने कहा कि न्यूनतम लागत में अधिकतम आय के लिए महत्वाकांक्षी जिलों में ड्रिप एवं स्प्रिंकलर इरीगेशन को बढ़ावा दें। उत्पादन को बाजार की मांग से जोड़ें। मृदा परीक्षण के अनुसार किसानों को संतुलित उर्वरक के प्रयोग के लिए प्रेरित करें। इस काम में स्थानीय कृषि विज्ञान केंद्रों की मदद लें। फतेहपुर को जैविक खेती के जिले के रूप में विकसित करें। उत्पादों के प्रमाणीकरण के लिए लैब भी बनाएं। योगी ने कहा कि महत्वाकांक्षी जिलों में अच्छा काम हुआ है। देश के जो सबसे बेहतरीन जिले हैं उनमें 6 उप्र के हैं। हमारी मंशा है कि बाकी जिले भी इसमें शामिल हों और समग्र रैकिंग मे हम नंबर एक पर आएं। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने राज्यपाल आनंदी बेन पटेल को अब तक की प्रगति और आगे की कार्ययोजना की भी जानकारी दी। बताया कि वर्षों से लंबित सिंचाई परियोजनाओं को एकमुश्त पैसा देकर पूरा कराया जा रहा है। वाण सागर परियोजना का पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्घाटन किया था। इसी वित्तीय वर्ष में सरयू नहर जैसी परियोजनाओं को पूरा कर 20 लाख अतिरिक्त रकबे को सिंचन का लक्ष्य है। जल संरक्षण के लिए खेत-तालाब योजना के तहत अच्छा काम हुआ है। हर घर नल योजना के तहत कार्यदायी संस्था की जवाबदेही तय करते हुए चरणबद्ध तरीके से सबको शुद्ध पेय जल उपलब्ध कराया जाएगा। कायाकल्प योजना के तहत अब तक 92 हजार प्राइमरी स्कूलों का कायाकल्प किया जा चुका है। आर्गेनिक खेती के लिए बनाएं पॉलिसी : राज्यपाल राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कहा कि समग्रता में हम नंबर दो पर हैं। मैं चाहती हूं कि उप्र नंबर एक पर आए और नंबर-एक और दो में इतना फर्क हो कि यह भरे नहीं। इसके लिए टीम के रूप में काम करना होगा। काम कैसा हो रहा है। इसे जानने के लिए अगले महीने से हर महत्वाकांक्षी जिले में मेरा दो दिन का प्रवास भी होगा। राज्यपाल ने कहा कि स्कूल चलो अभियान के पहले गांव-गांव अभियान चलाकर यह पता करें कि कितने बच्चों की स्कूल जाने की उम्र है। इनका सौ फीसद दाखिला सुनिश्चित कराएं। दाखिले की यह प्रक्रिया सत्र शुरू होने के छह माह पहले पूरी कर लें। इसी तरह कॉपी-किताब, जूते-मोजे और स्वेटर भी समय से दिलाना सुनिश्चित कराएं। राज्यपाल ने कहा कि शिक्षक की गुणवत्ता पर ही शिक्षा की गुणवत्ता निर्भर है। लिहाजा पूरा जोर शिक्षकों के प्रशिक्षण पर होना चाहिए। साल भर में एक बार बच्चों और महिलाओं के सेहत की जांच, महिलाओं का सेल्फ हेल्प गु्रप बनाकर वित्तीय समावेशन की योजनाओं के जरिये महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने। दूर-दराज के स्कूलों में शिक्षक जाएं इसके लिए वहां शिक्षक कॉलोनी बनाने की भी राज्यपाल ने सलाह दी। उन्होंने कहा कि गर्भवती महिला का जो पैसा मिलता है वह हर हाल में समय पर मिले। सीडीपीओ और सुपरवाइजर लगातार सक्रिय रहें। इसे सुनिश्चित कराने के लिए इसकी निगरानी भी हो। बिजली अब भरपूर है। इसके साथ टीवी, फ्रिज और मोबाइल जैसे उपकरण भी गांवों में पहुंचने लगे हैं। इनकी संख्या और बढ़ेगी। कौशल विकास के कार्यक्रमों में इस पर ध्यान देना होगा।आर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने के लिए उन्होंने आर्गेनिक पॉलिसी लाने की भी सलाह दी। इसके पहले मुख्यमंत्री ने महत्वाकांक्षी जिलों के कायाकल्प में जो विभाग शामिल हैं उनके अपर मुख्य और प्रमुख सचिवों से समग्रता में और सीडीओ से जिलेवार जानकारी लेने के साथ आगे की कार्ययोजना के बारे में भी पूछा।

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