साँस

By Rekha Jha (Life Coach | Motivational Speaker | Pranic Healer | Writer)

होगा फिर से नया उजाला
ये आज चलो मंथन कर लो
तुम आस बनो किसी साँस की आज
ये आज चलो तुम जतन कर लो
गुजरने दो इस काल ग्रास को
तुम रहो सुरक्षित ये मनन कर लो
जिंदगी बहुत अनमोल तुम्हारी
तुम ये दीपक ना बुझने दो
है ज़हर अभी कुछ हवा में भी
तुम साँस को युँ ना घुटने दो
होगा फिर से नया उजाला
ये आज चलो मंथन कर लो
तुम आस बनो किसी साँस की आज
ये आज चलो तुम जतन कर लो

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