उत्तराखंड काव्य महोत्सव में लवी सिंह को मिला साहित्य गौरव सम्मान

हाल ही में विश्व रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करने वाली उत्तराखंड की प्रसिद्ध  बुलंदी साहित्यिक संस्था ने 14 नवंबर 2021 को नगर निगम परिसर में ‘उत्तराखंड काव्य महोत्सव’ का सफल कवि सम्मेलन आयोजित करवाया | मुख्य अतिथि के रूप में मेयर रामपाल जी ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई एवम कुमाऊं यूनिवर्सिटी के क्रीड़ाधिकारी डा नागेंद्र शर्मा जी भी मौजूद रहे , कार्यक्रम की शुरुआत ममता सिंह वेद जी ने सरस्वती वंदना के साथ करी । अध्यक्ष और विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ सुभाष वर्मा जी एवं पंकज शर्मा जी व डॉ.राजविंद्र कौर ने मंच की गरिमा बढ़ाई। कार्यक्रम का संयोजन राष्ट्र कवि बादल बाजपुरी जी द्वारा किया गया। बादल बाजपुरी ने काव्य पाठ करते हुए कहा कि जो कविता पिता बेटी कभी संग सुन नही सकते वो तुलसी और मीरा की वसीयत हो नही सकती |

डॉ राजविंद्र कौर ने कहा कि वो इस कदर इस अदा से मुस्कुराए किसी की जान जाए तो जाये l मातृका बहुगुणा ने कहा कि शब्दो का जाल कितना अद्भुत कितना विशाल।
अनामिका चौकसे ने कहा कि उठा लो खड्ग भाला अब की पैनी धार हो जाओ | कार्यक्रम में ओररेया से राज शुक्ल ग़ज़ल राज जी आये तो बिहार से प्रेम सागर पहुँचे जलालाबाद से सत्यार्थ दीक्षित आये अयोध्या से धर्मेंद्र कुमार यमराज दिल्ली से मनीषा यादव व क्षमा पंडित व डॉ. मीणा परिहार बिहार से आई वही डॉ रानी गुप्ता जी गुजरात से आई, बरेली से आयीं डा. गीता चौहान ने कन्या भ्रूण हत्या विषय पर कविता प्रस्तुत की साथ ही लवी सिंह ने कहा हम सब एक हैं, मानव धर्म हमारा है, हमारा मकसद आपस में भाईचारा है। तीन चरणों में सम्पन्न हुए इस कार्यक्रम में देश के विभिन्न राज्यों से आये 150 से अधिक साहित्यकारों ने काव्यपाठ किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ राजविंदर कौर व मातृका बहुगुणा ने किया। बुलंदी संस्था द्वारा आयोजित ये राष्ट्रीय स्तर का काव्य का महाकुंभ है जो लगातार 14 घण्टे तक अविरल काव्य की वर्षा करता रहा जिसमे देश भर के कवियों ने प्रतिभाग किया |

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