डॉ प्रतिभा जवड़ा एक मनोविज्ञानी है, समाज सेविका
एक मनोविज्ञानी है, मनोविज्ञान मैं P.hd की है। समाज सेविका, कवयित्री, काउंसलर, निदेशक वीटी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, सदस्य अंपायर ऑफ मदनी एनजीओ कनाडा। जिनका मानना है कि यदि समाज देश या दुनिया में कोई परिवर्तन लाना है तो अपनी सोच को विस्तृत करना होगा। और इस बदलाव की शुरुआत सर्वप्रथम अपने घर परिवार एवं समाज से करनी चाहिए।
प्रतिभा जवड़ा की जन्मस्थली राजस्थान के पाली जिले का एक छोटा सा आदर्श गांव खौड़ है। इनके पिता स्वर्गीय जीवराज जी जवड़ा एक स्टेशन मास्टर थे। इनकी माताजी ज्ञानलता जवड़ा बहुत ही विदुषी और ज्ञानी महिला थी। इनके पिता के 5 पुत्रियां है आप सबसे छोटी है।
इनके माता-पिता के कोई पुत्र नहीं था और जब आप 12 साल की थी तभी इनकी माता जी का देहांत हो गया था। तभी से इन्होंने एक जुनून बना लिया कि वह अपने माता-पिता का पुत्र बनकर नाम रोशन करेगी। इनके माता-पिता एवं गुरु के संस्कारों ने ही इन्हें समाज सुधार की तरफ प्रेरित किया।
इनकी जन्मस्थली पर कहीं महापुरुषों का जन्म हुआ है और कई सती स्त्रियों ने जन्म लिया है। इनकी शिक्षा दीक्षा संपूर्ण रुप से इसी छोटे से गांव मैं हुई थी। उच्च माध्यमिक शिक्षा के बाद इन्होंने उच्च शिक्षा स्वयंपाठी के रूप में समाप्त की। इन्होंने जयपुर से B.ed की है। अतः तीन विषय इतिहास समाजशास्त्र एवं मनोविज्ञान से मास्टर डिग्री प्राप्त की है।
इन्होंने मनोविज्ञान विषय में अपना शोध कार्य संपन्न किया है। इन्होंने वीटी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान की निदेशक के रूप में मान्यता ली है। इनका मानना है की शिक्षा या महान सोच किसी अच्छी संस्था में पढ़ने या लिखने से नहीं आते। महान सोच संस्कारों से उत्पन्न होती है और वह संस्कार मिलते हैं अपने माता-पिता परिवार एवं वातावरण से जो कि इन्हें अपने माता-पिता से और इनके गुरु से मिले हैं।
इन्हीं संस्कारों की वजह से आप परोपकारी और समाज सुधार के कार्यों में आगे बढी। इन्होंने अपनी संस्था में गरीब व जरूरतमंद बच्चों और महिलाओं को प्रशिक्षण प्रदान किया है। नागौर जिले के एक छोटे से गांव को इन्होंने अपना कार्य क्षेत्र बनाया। यहां यह घर घर जाकर महिलाओं को जागरुक करने का कार्य करती थी।
समय-समय पर बच्चों और महिलाओं को मनोवैज्ञानिक थेरेपी प्रदान की गई। समाज कार्य से इन्हें अपनी पहचान मिली। 2021 मार्च मैं नारी शक्ति सम्मान एवं मोस्ट इन इंस्पायरिंग वूमेन ऑफ इंडिया अवार्ड से सम्मानित किया गया। आप 10 सालों से सामाजिक सुधार कार्यों में जुटी हुई है। सामाजिक कार्यों को बल देने के उद्देश्य से हनुमान प्रसाद एजुकेशन एंड वेलफेयर सोसायटी का गठन किया।
अपनी संस्था में इन्होंने कई फ्री मेडिकल कैंप भी लगवाए। ये समय-समय पर महिलाओं को जागृत करने के लिए वेबीनार का आयोजन करवाती है। तथा जरूरतमंदों को रोजगार प्रदान करने के लिए अपनी संस्था में एंप्लॉयमेंट कैंप का आयोजन भी करवाती है। इनका लक्ष्य भारत की सभी नारियों को आत्मसम्मान एवं आत्मनिर्भरता के लिए जागरूक करना है।
ये अपनी कविताओं के माध्यम से महिलाओं को जागरूक करने का प्रयत्न कर रही है। इनकी ऐसी कई कविताएं हैं जो महिलाओं के लिए बहुत ही प्रेरणादायक सिद्ध हुई है। यह कई संस्थाओं द्वारा अलग-अलग क्षेत्र के लिए सम्मानित की जा चुकी है। करोना काल में इनकी विशेष जन सेवाओं से प्रभावित होकर कई लोक कल्याणकारी संस्थाओं ने इन्हें सम्मान पत्र प्रदान किए हैं। इनकी कई कविताएं पब्लिश हुई है।
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नारी शक्ति को सशक्त करने के लिए इन्होंने एक फेसबुक पेज एवं व्हाट्सएप ग्रुप का गठन किया है जिसका नाम है आई एम वुमन इमपावर। जिसका उद्देश्य केवल और केवल महिलाओं को जागरूक करना एवं उन्हें सशक्त होने की प्रेरणा प्रदान करना है। इनका मानना है बेटियों को बेटों से कम आंकना समाज और देश की सबसे बड़ी भूल है।
इनका उद्देश्य समाज को एक नई दिशा देना है। बेटियों को और बहुओं को सम्मान के साथ जीने की प्रेरणा देना है। अपना एक यूट्यूब चैनल बनाया है जिसमें यह अपनी कविताएं डालती है ताकि महिला शक्ति को जागरूक कर सके। इनका लक्ष्य है भारत की समस्त महिलाओ को आत्म सम्मान से जीने एवं उन्हें उनके अधिकारों के प्रति सजग करना है। इस लक्ष्य को पूरा करने में वह समस्त देशवासियों से अपना सहयोग चाहती है।
देश की समस्त महिलाओं का सहयोग चाहती है। ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को जोड कर महिलाओं की एक मजबूत टीम तैयार करना चाहती है ताकि वह सभी अपने अपने क्षेत्र में हाथ से हाथ मिला कर हर एक महिला को जागरुक एवं सजग करने का प्रयत्न करें। महिलाओं के विकास कार्य में सहयोग करें और अपने लक्ष्य को कामयाब कर सके।