दी इंस्टिट्यूट ऑफ़ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ़ इंडिया की ओर से “बजट विश्लेषण –2019” सेमिनार

वाराणसी। दी  इंस्टिट्यूट  ऑफ़  चार्टर्ड  एकाउंटेंट्स  ऑफ़  इंडिया  की  वाराणसी  शाखा की ओर से “बजट विश्लेषण –2019” विषययक  में मुख्य वक्ता सीए. भूपेंद्र शाह ने कहा कि करदाताओं के मामलों में छिपी हुई आय और धन खोजने के लिए आयकर विभाग के साथ  सूचना के आधार पर खोज अभियान महत्वपूर्ण अभ्यास हैं, जिन्होंने अपने कर दायित्वों के निर्वहन में अपनी वास्तविक वित्ती

य स्थिति का खुलासा नहीं किया है। जब्ती का तात्पर्य परिसंपत्तियों पर कब्जा करना है, जिसका खुलासा आयकर विभाग और खातों / दस्तावेजों, कागजात में नहीं किया गया है, जिसमें बेहिसाब धन / आय का विवरण शामिल है, जो आयकर अधिकारियों को नहीं बताया गया है। इस प्रकार, किसी भी छिपी हुई आय या कीमती वस्तुओं का पता लगाने और काले धन की पीढ़ी को कम करने के लिए कर चोरी की प्रवृत्ति की जांच करने के लिए आयकर विभाग के पास खोज और जब्ती एक बहुत शक्तिशाली हथियार है।

उन्होंने यह भी बताया की इस प्रकार आभूषण या अन्य मूल्यवान लेख या चीज़, व्यापार का स्टॉक-इन-ट्रेड होने के कारण, जब्त नहीं किया जाएगा, लेकिन प्राधिकृत अधिकारी ऐसे स्टॉक-इन-ट्रेड का नोट या इन्वेंट्री करेगा।
इसके अलावा उन्होंने यह भी बताया की इस तरह के प्राधिकरण के पास यह विश्वास करने का कारण है कि प्रधान मुख्य आयुक्त या मुख्य आयुक्त या प्रधान आयुक्त या आयुक्त से प्राधिकरण प्राप्त करने में किसी भी देरी से ऐसे व्यक्ति पर अधिकार क्षेत्र का निर्धारण राजस्व के हितों के लिए प्रतिकूल हो सकता है, प्राधिकृत अधिकारी धर्म में निर्दिष्ट एक मूल्यांकन अधिकारी का संदर्भ दे सकता है। 142A, जो उस अनुभाग के तहत प्रदान किए गए तरीके से संपत्ति के उचित बाजार मूल्य का अनुमान लगाएगा और ऐसे संदर्भ की प्राप्ति की

तारीख से 60 दिनों की अवधि के भीतर उक्त अधिकारी को अनुमान की एक रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा।

कैंटोनमेंट स्थित एक होटल में आयोजित सेमिनार के
मुख्य अतिथि सी. आई. आर. सी. अध्यक्ष सीए. मुकेश बंसल एवं विशिष्ठ अतिथि सी. आई. आर. सी. सचिव  अभिषेक पाण्डेय रहे | द्वितीय सत्र के मुख्य वक्ता  गिरीश आहूजा ने बजट विश्लेषण पर उपस्थित सदस्यों को विस्तारपूर्वक जानकारी दी, उन्होंने ने बताया की बजट के प्रावधानों के अनुसार दो लाख रूपये से अधिक की धनराशि नगद लेने पर धनराशि के बराबर अर्थदंड लगेगा | इस प्रावधान के अनुसार अब एक साल  में एक करोड़ से अधिक धनराशि बैंक अकाउंट से निकालने पर भी 2% टी.डी.एस. काटा जायेगा | इससे सावधान रहने की जरूरत है | यदि राजनितिक दल अपनी आयकर विवरण नहीं देते है तो उन्हें आय से छूट नहीं मिलेगी | धारा 56 में बदलाव होने के कारण चैरिटबल ट्रस्ट या सोसाइटीज द्वारा भी यदि वर्ष में 50000 /- रूपये से अधिक का उपहार स्वीकार किया जाता है तो वह कर के दायरे में होगा | यदि सोसाइटी या ट्रस्ट धारा 12ए के अधीन पंजीकृत ना हो तो आयकर विवरणी देर से दाखिल करने पर लेट फ़ीस का भी प्रावधान किया गया है | नियत तिथि 31जुलाई के बाद उस वर्ष 31दिसंबर तक फाइल करने पर 5000 रूपये तथा उसके बाद जमा करने पर 10000 रूपये का विलम्ब शुल्क लगेगा |
शुभारम्भ शाखा उपाध्यक्ष  अरुण कुमार गुप्ता, अध्यक्षता  सतीश चंद जैन ने की।संचालन प्रियंका ने किया। इस अवसर पर ऐश्वर्या खंडेलवाल, कोषाध्यक्ष सीए सोमदत्त रघु, शाखा सचिव अमित कुमार गुप्ता, शाखा अध्यक्ष  रवि कुमार सिंह, जय प्राध्वानी थे।

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