वरिष्ठ पत्रकार, साहित्यकार मधुराज मधु की सृजनशीलता पर परिचर्चा एवं कवि सम्मेलन
मुंबई: आपकी पैरवी तो करूँगा नहीं ।
कुछ भी हो झूठ को सच कहूँगा नहीं।
मैं कलम हूँ मेरा अपना ईमान है।
चाहते हो जो तुम वो लिखूंगा नहीं ।।
उक्त उद्गार प्रतिष्ठित वरिष्ठ साहित्यकार,पत्रकार, उपन्यासकार एवं फिल्मकार मधुराज मधु की सृजनशीलता पर आयोजित परिचर्चा एवं कवि सम्मेलन में राष्ट्रीय नव साहित्य कुंभ साहित्यिक संस्था के अध्यक्ष अनिल कुमार राही ने व्यक्त किए। वह संस्था के तत्वावधान में बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी मधुराज मधु के 73वें जन्मदिन पर उनके कृत्रित्व व व्यक्तित्व पर आयोजित परिचर्चा का संचालन कर रहे थे।कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ पत्रकार नामदार राही ने की। उक्त समारोह का तकनीकी सहयोग विद्या शर्मा ने संभाला।
मुंबई सहित महाराष्ट्र के अन्य जिलों के साहित्यकारों में चंद्रवीर बंशीधर यादव,डाॅ जे पी बघेल, डाॅ महेन्द्र गुहा, डॉ अमर बहादुर पटेल, प्रो शशिकला पटेल, डॉ सुनीता साखरे, ऊषा सक्सेना ,श्रद्धा शर्मा ,मृदुला तिवारी “महक “, वरिष्ठ कवि रामप्यारे सिंह रघुवंशी(अध्यक्ष- भारतीय जनभाषा प्रचार समिति ठाणे) व यशपाल शर्मा ने मधुराज मधु के व्यक्तित्व, कृत्रित्व पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए नामदार राही ने मधुराज मधु को आधुनिक युग का “निराला” ( सूर्यकांत त्रिपाठी) निरूपित किया। पूर्व उप-संपादक मेरी सहेली(मासिक पत्रिका),पूर्व संपादक दैनिक समाचार पत्र मुंबई संध्या व हिंदमाता,पूर्व कार्यकारी संपादक तेजस्वी भारत (हिन्दी पाक्षिक) के साथ-साथ अनेक पत्र-पत्रिकाओं में कविता, कहानी,संस्मरण, लेखन के साथ साथ उपन्यास और फिल्मो में पटकथा के सृजन के जरिए उन्होंने अपने बहुमुखी आयाम की छाप साहित्य जगत में छोड़ी है। आपके प्रकाशित व चर्चित उपन्यास चक्रवात,मोड़, गंगातट के अलावा क्रांतिपथ, जयहिन्द व जयघोष प्रकाशाधीन है।आपके द्वारा पटकथा वा संवादपुष्प से सजी फिल्म लंगड़ी आंन्ही, तालाबंदी व बटोहिया काफी चर्चित रही।
उक्त समारोह में परिचर्चा के साथ मधु जी के सम्मान में कविगोष्ठी का भी आयोजन किया गया।उपस्थित कवियों में ममता राजपूत,विनय शर्मा दीप, प्रीतम श्रावस्तवी (उत्तर प्रदेश), प्रियंका गुप्ता भोर,ममता हिर ने अपनी रचनाओं से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। अंत में सम्मानित मधुराज मधु ने भावुक होकर उपस्थित सभी साहित्यकारों,पत्रकारों, शुभचिंतकों का आभार व्यक्त किया ।